How To Use Jio 4G in Computer and Laptop

How To Use Jio 4G in Computer and Laptop

HelLo friends aaj hum in artical me bataye ki aap jio 4g sim ka use apne computer aur laptop me kaise kar sakte hai aur Jio 4G ka maza le sakte hai.
Jio 4G sim ka use aap as one computer me two tarike se kar sakte hai Aur hum apne mobile se bhi jayada fast internet apne computer par chala sakte hai to chaliye jante hai.

Jio 4G Sim Se Computer ya Laptop me Internet Kaise Chalye


  • Mobile Hotspot:

Agar aap ke pass Computer ya Laptop hai to aap sabse pahle aap apne mobile me Hotspot And Tethering ka option hai us option par click kare aur mobile ka Hotspot off kar de aur Data on hona chahiye. Aur network connect hote hi aap Jio Sim ka use apne laptonya computer par kar sakte hai to aapko pahla tarika ache se samgh me aa gaya hoga.


  • Modem Ya Dongle 
Jayada tar users Modem aur Dongle ka use computer ya Laptop me Internet chalane ke liye karte hai. Isliye aap bhi Medem me Jio 4G sim ko insert karke apne computer me asaani se internet chala sakte hai.
Aur aap bhi Jio 4G ka use apne computer me kar sakte hai.
Yo friends aapko hamari jah jankari kaisi lagi comment ke through hume jarur bataye aur hamare artical ko share kare 

Agar aap ne kisi ko Worng email send kar diya hai? ऐसे रोकिए

जीमेल पर गलत ईमेल भेज दिया? ऐसे रोकिए

Worng email

Hii friend इस बार हम आप के लिए एक important artical ले कर आऐ हैं। कितनी ही बार हम ईमेल भेज देते हैं और उसके बाद जाकर याद आता है कि उसमें कुछ गड़बड़ हो गई या किसी की जगह किसी और को ईमेल भेज दिया। ऐसे वक्त ख्याल आता है कि काश ऐसा हो सकता कि हम गलत ईमेल को रोक सकते। जीमेल में आप ऐसा कर सकते हैं। हालांकि, बहुत लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। जीमेल यूजर्स ईमेल भेजने के कुछ समय तक अपने मेल को रोक सकते हैं। बस सेटिंग्स में जाकर इस फीचर को ऐक्टिवेट करने की जरूरत है। और इस कि जानकारी हम आप को देने जा रहे हैं आगे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें और गलत मेल भेजे जाने से रोकें...

जीमेल खोलिए। अपनी स्क्रीन में दाईं तरफ ऊपर बने गियर बटन को क्लिक करें। यह गियर बटन आपकी गूगल प्लस प्रोफाइल इमेज के ठीक नीचे दिखाई देता है। इसके ड्रॉपडाउन मेन्यू में से सेटिंग्स चुनिए।

अब आपके सामने कई सारे टैब्ड ऑप्शन होंगे। इनमें से 'Labs' को चुनें और नीचे तक स्क्रॉल करें।

नीचे से तीसरे नंबर पर आपके पास 'Undo Send' का ऑप्शन आएगा। इसे इनेबल कर लें।

दाईं तरफ से स्क्रीन नीचे की ओर स्क्रॉल करें और सेव चेंजेस बटन पर क्लिक करें। लेकिन प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है, बाकी है...

सेव चेंजेस पर क्लिक करने के बाद, आप इनबॉक्स पर फिर से पहुंच जाएंगे। पहला स्टेप दोहराएं और सेटिंग्स के ऑप्शन पर जाएं।

आपके सामने डिफॉल्ट 'जनरल' टैब खुलेगा। टैब में नीचे स्क्रॉल करें और लगभग बीच में आपको 'Undo Send' का ऑप्शन मिलेगा। इसपर टिक मार्क लगा होगा जिससे पता चलता है कि आपका पहला ऑप्शन सेव है। इस टिक मार्क के ठीक नीचे आप खुद चुन सकते हैं कि एक भेजे गए मेल को रोकने के लिए 5 सेकंड से लेकर 30 सेकंड तक कितना समय चाहिए।
एक बार आपने अपना समय चुन लिया हो, तो नीचे की तरफ स्क्रॉल करें और 'सेव चेंजेस' क्लिक करें। अब आप ऊपर तय किए गए समय तक अपना मेल रोक सकते हैं। और इस feature के through आप gmail पर कििसी को worng email करने से रोक सकते हैं

Agar aap ko hamara yah Artical pasand aya ho to share jarur kare 

What is HTML attributes with Example

HTML attributes Kya hai 

Html

जितने भी HTML tags होते है उन सबके attributes होते है। ये name और value के pair में लिखे जाते है। Attributes के द्वारा आप tags को अपने according configure कर सकते है। Attributes को हमेशा starting tag में define किया जाता है। इन्हे define करने का उदाहरण निचे दिया जा रहा था।
<tagName attrName="value">
some text here.
</tagName>

Attributes advanced configuration के लिए यूज़ किये जाते है। जैसे की आप default page background नहीं चाहते तो उसको अपने according change कर सकते है। ऐसे ही आप यदि default text color नहीं चाहते है तो उसे भी change कर सकते है। Attributes को यूज़ करना बहुत ही simple है। बस आपको पता होना चाहिए की कौनसा attribute किस जगह यूज़ करना है। आगे attributes से related एक simple उदाहरण दिया जा रहा है।
<html>
<head>
<title>myPage</title>
</head>

<body bgcolor="black">

<h1 style="color:pink"> Heading </h1>
<p style="color:yellow">
This is a paragraph. And you are learning html in Hindi.
</p>

</body>

</html> 

ऊपर दिए हुए example में 2 जगह attributes यूज़ किये गए है। सबसे पहले <body> tag में bgcolor attribute यूज़ करते हुए page का background color define किया गया है। जब आप default body tag यूज़ करते है तो page का background color white रहता है। लेकिन जैसा की मैने आपको बताया की आप attributes के द्वारा page और text आप अपने according configure कर सकते है। इस attribute के द्वारा आप जो background अपने page का रखना चाहते है वो रख सकते है। जैसे की मैने example में black दिया है।

दूसरा attribute paragraph tag में यूज़ किया गया है। ये style attribute है। इस attribute के द्वारा आप tag पर CSS (Cascading Style Sheet) apply कर सकते है। CSS के द्वारा advanced configuration किया जाता है, जिसके बारे में आप आगे पड़ेंगे। जैसे की आप देख सकते है style attribute के द्वारा CSS apply किया गया है। इससे text का color change किया जाता है। और ऐसा ही heading tag के साथ भी किया गया है।
Scope of attributes 

Attributes का scope उनके tags के according होता है। जिस tag के साथ आप जो attribute apply करते है वो उसी tag तक रहता है। जैसे की आपने body tag में style tag को यूज़ करते हुए text color red define किया है। Body tag पुरे page के लिए होता है इसलिए ये attribute पुरे page के text को red में show करेगा। लेकिन ऐसा तब तक ही होगा जब तक कोई body tag से छोटा tag text को दूसरे color में define नहीं करता है। जैसे की आप आगे चलकर किसी paragraph tag का color green define करते है। तो ये color body tag के color को override करेगा। और आपका ये paragraph green text में show होगा। इसका उदाहरण निचे दिया जा रहा है। इसे आप execute करवा कर देख सकते है।    

<html>
<head>
<title> myPage </title>
</head>

<body style="color:red">

Learn html in Hindi <br>
Lean html in Hindi in 2 days. <br>
Learn html in Hindi pdf.

<p Style="color:green">
This is some text here
</p>

</body>

</html> 
     
ऊपर दिए हुए उदाहरण में आप देख सकते है की paragraph का text color अलग से define किया गया है। ये body के text color को override करता है। HTML attributes को यूज़ करने की कुछ guide line होती है। जिनको follow करके आप attributes का बेहतर इस्तेमाल कर सकते है। इनके बारे में निचे दिया जा रहा है।

Guidelines for using HTML attributes 
  1. हमेशा attributes को lower case में define करे। 
  2. हमेशा attributes की values quotation mark में ही define करे। 
 Most Popular HTML attributes 

निचे आपको HTML में commonly यूज़ होने वाले attributes की list दी जा रही है।  

 Attribute Explanation  Example  

id  

HTML document में किसी tag को uniquely identify करने के लिए id attribute यूज़ किया जाता है। किन्ही 2 tags की id same नहीं हो सकती है।
   

<p id="mypara"> 

class 

ये attributes tags को अलग अलग class में categories करने के लिए यूज़ किया जाता है। बहुत से tags एक class के हो सकते है।

    

<h1 class="java"> 

title  

किसी tag का tittle देने देने के लिए title attribute यूज़ किया जाता है।  

<p title="Hello"> 

style 

इस attribute के द्वारा आप tag पर style rules apply कर सकते है।  

<p style="color:red






















अगर आप को हमारा यह Artical कैसा  लगा comments के द्वारा  जरूर बताऐ और इस आर्टिकल को शेयर करे 

HTML links kya hai aur kaise use kare

HTML links kya hai aur kaise use kare

 

एक link ऐसा text या image होती है जिस पर click करते ही आप दूसरे page पर redirect कर दिए जाते है। जब भी आप किसी link पर अपना cursor ले जाते है तो वह एक clickable hand icon में convert हो जाता है। Links का उपयोग basically एक page से दूसरे page पर जाने के लिए किया जाता है। Links web की दुनिया की roads होती है।  

HTML में link create करने के लिए <a> tag यूज़ किया जाता है। इसे anchor tag भी कहा जाता है। इस tag के सबसे basic attributes href और target होते है। इन दोनों attributes के बारे में निचे बताया गया है। 

href 
इस attribute के द्वारा आप उस page का address define करते है जो आप link के click होने पर show  करना चाहते है।  

href = "page-Address"

target 
target - इस attribute के द्वारा आप वह frame define करते है जँहा पर आप page शो करना चाहते है। ये attribute optional होता है। यदि आप इसे define नहीं करते है तो page new tab में open होता है। इस attribute कि कुछ predefined values होती हिए जिन्हें आप युज कर सकते हैं। 

target = "frame-Name"
  • _blank - जब आप ये value define करते है तो आपका webpage new tab या window में open होता है। 
  • _self - जब आप ये value define करते है तो आपका webpage उसी tab या frame मे open होता है जिसमें link पर click किया गया था। 
  • _parent - ये value webpage को parent frame में open करती है। 
  • _top - इस value के द्वारा web page full document में open होता है। 
  • customFrame - आप खुद का भी कोई frame define कर सकते है। ऐसा करने पार webpage उसी मे open होगा।                  

Creating links in HTML 

जैसा की मैने आपको बताया की HTML के द्वारा link create करने के लिए आप <a> tag यूज़ करते है। यँहा पर में आपको इसे कैसे यूज़ करते है ये बताने वाला हूँ। आइये इस tag का normal structure देखते है।      

<a href="address-of-webpage> link-Name </a>

HTML में links create करने का complete उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।
<html>
<head>
<title>Text Formatting</title>
</head>

<body>

<p>
Go to Google <a href="www.google.com">Click Here</a>
</p>

<p>
Go to Best Hindi Tutorials <a href="www.besthinditutorials.com">Click Here</a>
</p>

<p>
Go to Facebook <a href="www.facebook.com">Click Here</a>
</p>

</body>

</html> 

Configuring links 

Links को आप अपने page के according configure भी कर सकते है। जैसे की आप apply कर सकते है की जब भी कोई link पर mouse ले जाये तो उसका color green हो जाये और mouse हटाते ही red हो जाये। ये सब आप style tag के द्वारा कर सकते है। इसके लिए आप a के साथ condition colon लगाकर define करते है। इनके बारे में निचे दिया जा रहा है। इनका उदाहरण आप CSS वाली tutorials में देख सकते है।  

Condition Explanation  
a:linkइस condition में link first time web page पर show होती है।  
a:visitedइस condition में link पहले visit कि जा चुकी होती है।  
a:hoverइस condition में mouse पर cursor ले जाया जाता है।  
a:activeजब आप किसी link पर click करते है तो वह link active होती है।  

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HTML formatting Tags with Example

 HTML formatting Tags with Example


Hello friends हमने आपको अपने पिछले Artical मे HTML के बारे मे बताया था और अब html के artical को आगे बढाते हुए बात करते है HTML Formatting Tags 

HTML में कुछ tags सिर्फ text formatting के लिए provide किये गए है। इन tags का इस्तेमाल करते हुए आप web page पर text की presentation और position को control कर सकते है। जैसे की आप text को bold या underline कर सकते है। किसी text editor में आप ये काम एक button click से कर सकते है लेकिन HTML में इसके लिए आप tags यूज़ कर सकते है। कुछ common formatting type है जो आप text पर apply करते है उसकी list निचे दी जा रही है।
  • Bold
  • Italic
  • Underline
  • Marked
  • Superscript 
  • Subscript
  • Small
  • Deleted

HTML <b> tag   
HTML के द्वारा किसी text को bold करने के लिए <b> tag यूज़ किया जाता है। इसके लिए आप starting और ending tags के beech में text को लिखते है।
<b> This text will be bolded. </b>

HTML <i> tag  
HTML में किसी text को italic बनाने के लिए <i> tag यूज़ किया जाता है। 

<i> This text will be italic. </i>
   

HTML <ins> tag 
किसी text को underline करने के लिए <ins> tag यूज़ किया जाता है। 

<ins> This text will be underlined</ins>
   
HTML <mark> tag
यदि आप किसी text को highlight करना चाहते है तो उसके लिए <mark> tag यूज़ कर सकते है।  

<mark> This text will be highlighted </mark>
   

HTML <sup> tag
किसी text को super script करने के लिए आप <sup> tag यूज़ कर सकते है।
<p> This is normal text<sup> This will be super scripted </sup> This is normal again </p>
  

HTML <sub> tag 
अगर आप text को subscript में लाना चाहते है तो उसके लिए आप <sub> tag यूज़ करेंगे।   

<p> This is normal text <sub> This text will be subscripted </sub></p>

HTML <small> tag
यदि आप किसी text को दूसरे text से छोटा रखना चाहते है तो इसके लिए आप <small> tag  यूज़ कर सकते है। कई editors ऐसा text को highlight करने के लिए भी करते है। 

<p> Normal Text <small> Smal Text </small> </p>
    

HTML <del> tag
किसी tag को deleted शो करने के लिए आप <del> tag का इस्तेमाल कर सकते है। जब किसी tag को deleted शो करते है तो उस text के through line show होती है। 

<p> <del> This text will be deleted</del></p>


इसका एक complete उदाहरण निचे दिया जा रहा है।
<html>
<head>
<title>Text Formatting</title>
</head>

<body>

<p>
<b> This text will be bolded. </b>
</p>

<p>
<i> This text will be italic. </i>
</p>

<p>
<ins> This text will be underlined</ins>
</p>

<mark> This text will be highlighted </mark>

<p> This is normal text<sup> This will be super scripted </sup> This is normal again </p>

<p> This is normal text <sub> This text will be subscripted </sub></p>

<p> Normal Text <small> Smal Text </small> </p>

<p> <del> This text will be deleted</del></p>

</body>

</html> 

Styling HTML text 

Text को style करने के लिए जैसे की उसका color change करना या font family change करना आदि के लिए CSS को यूज़ किया जाता है। CSS एक बड़ा topic है। इसके बारे में आप बाद में पढ़ सकते है। यँहा पर सिर्फ आपकी समझ के लिए कुछ styles का इस्तेमाल बताया जा रहा है। इसके लिए आप Style tag यूज़ करते है। और एक CSS property और उसकी values देते है। 

Changing text color 
किसी भी tag के text का color change करने के लिए आप CSS की color property यूज़ करते है। और इसके बाद colon लगाकर color का नाम देते है। 
   
<p style="color:red">This text will be red. </p>

Changing font family 
Text की font family change करने के लिए आप font family property यूज़ करते है और value के रूप में font family का नाम देते है।
<p style="font-family:Arial"> This text will be in Arial </p>

Changing text size 
Text की size change करने के लिए आप font size property यूज़ करते है और value के रूप में जो size आप चाहते है वह देते है।
<p style="font-size: 45"> This size is changed by style tag. </p>

Changing text position 
Text की position change करने के लिए text align property यूज़ की जाती है और value के रूप में आप left, right या center pass कर सकते है।
<p style="text-align="center"> This position is change by style tag</p>

इसका उदाहरण निचे दिया जा रहा है।
<html>
<head>
<title>Text Formatting</title>
</head>

<body>
<p style="color:red">This text will be red. </p>

<p style="font-family:Arial"> This text will be in Arial </p>

<p style="font-size: 45"> This size is changed by style tag. </p>

<p style="text-align:center">
This position is changed by style tag.
</p>

</body>

</html>
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Chalti Movie Se Screenshot Kaise Le

चलती मूवी से तस्वीरों ke screenshot कैसे ले



यह एक छोटी सी टिप है लेकिन जरूरतमंद के लिए बहुत काम की टिप है.आप विंडोज मीडिया प्लेयर पर मूवी चलाते समय मूवी से तस्वीरें सुरक्षित कर सकते हैं.आपको बस इतना करना है कि जब मूवी चल रही हो उस समय जहाँ से आपको तस्वीर लेनी हो वहां जल्दी से कीबोर्ड पर Ctrl+i यानि Ctrl और i को एक साथ दबाएँ. अब एक विंडो खुलेगी जिसमें आपको तस्वीर सेव करने को कहा जायेगा

अब तस्वीर को कोई भी नाम देकर save कर दें. इसी तरह आप चाहे जितनी तस्वीरें सुरक्षित कर सकते हैं,आपकी तस्वीरें my pictures के फोल्डर में स्टोर होंगी. आप open करके देख सकते है

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Online Mobile खरीदने के बेहतरीन फायदे आप के लिए

आँनलाइन फोन खरीदने के बेहतरीन फायदे आप के लिए


Online shopping


Hello dosto आप सभी जानते हैं कि अब आपकी जरूरत की सारी चीजें ऑनलाइन उपलब्ध हैं. आप जब चाहें तब अपने घर पर बैठे-बैठे ही अपना सामान मंगवा सकते हैं. यानि कि आपको समान खरीदने के लिए दुकान में नहीं जाना पड़ेगा वल्कि सामान खुद आपके घर पर आ जायेगा.

तो अगर ये सुविधा हम सभी को मिल रही है तो इसका लाभ जरुर उठाना चाहिए. इसके लिए हम सभी के लिए कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइट हैं जैसे कि Amazon, Flipkart Snapdeal इत्यादि.

ऑनलाइन खरीदने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि आपको अपने लिए बेस्ट चुनने के लिए प्रयाप्त समय होता है. आप लाखों सामानों में तुलना कर अपने लिए बेस्ट चुन सकते हैं.

मैं इस पोस्ट आप सभी को विस्तार से बताने जा रहा हूँ कि ऑनलाइन फ़ोन खरीदें के क्या लाभ हैं, और आपको फ़ोन ऑनलाइन क्यों खरीदनी चाहिए
बेहतर चुनने के लिए विशाल संग्रह 

जी हां, यदि आप अपने लिए एक बेहतर मोबाइल फ़ोन चुनना चाहते हैं तो इसके लिए आपके सामने एक विशाल संग्रह होता है जिसमे आप बारी बारी से तुलना कर अपने लिए बेस्ट फ़ोन को चुन सकते हैं.
जब हम कोई भी फ़ोन ऑफलाइन खरीदने जाते हैं तो हमारे पास एक लिमिटेड स्टॉक होता है और उन्ही सब में से चुनकर अपने लिए फ़ोन लेना होता है.
लेकिन ऑनलाइन में ऐसा कुछ भी नहीं है, आप हर एक कंपनी, ब्रांड, मॉडल इत्यादि को देख सकते हैं और उसके बारे में जान सकते हैं.
इसके अलावे अगर आप ऑनलाइन फ़ोन खरीदने जा रहे हैं तो इन्टरनेट पर बहुत सारे ऐसे वेबसाइट हैं जो किसी भी फ़ोन को दुसरे से तुलना कर के बताते हैं कि इनमे से कौन आपके लिए सही है. आप अपनी जरूरत अनुसार अपने लिए फ़ोन खरीद सकते हैं.

साथ ही, ऑफलाइन शौपिंग के लिए आपको घर से बाहर जाना पड़ेगा और फिर दूकान में जाकर आपको प्रोडक्ट चुनना होगा जो आपके समय का जयादा खपत करेगा.

लेकिन ऑनलाइन शौपिंग में आप घर बैठे ही अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ये सारीं चीजें कर सकते हैं जो आपके समय की काफी बचत करेगा.
बेहतरीन ऑफर्स 

जब आप कोई भी फ़ोन या सामान ऑफलाइन खरीदने जाते हैं तो शायद ही आपको कुछ डिस्काउंट या ऑफर दिया जाता है. लेकिन जब आप यही काम ऑनलाइन करते हैं तो अलग अलग वेबसाइट ऑफर्स लेकर आती रहते है जिससे आपको अच्छी खासी बचत हो जाती है.

इसके अलावे, कुछ वेबसाइट कुछ खास ऑफर भी निकालती है जैसे कि Sbi Debit Card पर 10% डिस्काउंट या Hdfc Card पर 15% Discount इत्यादि.

इस तरह आप घर बैठे अपने लिए एक अच्छा फ़ोन भी खरीद लेते हैं और अच्छी खासी बचत भी कर लेते हैं.
जल्द उपलब्ध होना 

हम सभी जानते हैं कि जब कोई फ़ोन लांच होता है तो यह सबसे पहले ऑनलाइन ही उपलब्ध होता है न कि ऑफलाइन. किसी भी नए फ़ोन को मार्किट में आपने में अच्छा समय लग जाता है. जबकि ऑनलाइन ये काफी जल्दी उपलब्ध हो जाता है.
अब तो हम सभी जानते हैं कि ज्यादातर अच्छे मोबाइल को ऑन्लाइन 'फ़्लैश सेल' के द्वारा बेचा जाता है जिसमे आपको एक निश्चित समय दिया जाता है और आपको उसी समयावधि में वो फ़ोन खरीदना होता है.
जब आप कोई भी फ़ोन ऑनलाइन खरीद लेते हैं तो आपको कुछ ही दिन के अन्दर ये फ़ोन आपके पास होता है और आप इसका आनंद उठा रहे होते हैं जबकि बाकि लोग अभी भी इसको मार्किट में आने का इंतजार कर रहे होते हैं.
आसानी 

ऑनलाइन खरीदारी का सबसे अच्छा आप्शन हमें लगता है वो है 'आसानी'.
जब हम कोई फ़ोन ऑफलाइन खरीदना चाहते है तो इसके लिए हमें अलग अलग ब्रांड के मोबाइल के लिए अलग अलग स्टोर पर जाना पड़ता है. जबकि ऑनलाइन में ऐसा कोई भी दिक्कत नहीं है.
आप ऑनलाइन खरीदारी में Amazon, Flipkart, Snapdeal इत्यादि पर घंटो तक अलग अलग ब्रांड के मोबाइल देख सकते हो और आप अपने लिए बेस्ट चुन सकते हो.
जब आप अपने लिए एक अच्छा सा फ़ोन खोज लेते हो तो इसके बाद आप किसी भी माध्यम से पेमेंट कर सकते हो जैसे कि Cod ( Cash On Delivery ), नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड इत्यादि.

लौटाना और पैसे वापस लेना भी आसान है 

जब आप कोई फ़ोन ऑनलाइन खरीदते हो और यदि आपको ये फ़ोन पसंद नहीं आता है या फिर इसमें कोई खराबी होती है तो इसे काफी आसानी से लौटा सकते हो और अपने पैसे वापस पा सकते हो.
इसके लिए आपको उसके वेबसाइट पर जाकर Return And Refund बाले आप्शन पर जाकर फॉर्म फिल करना होगा और कुछ ही दिनों में उस वेबसाइट का आदमी आपसे ये फ़ोन ले लेगा तथा आपके पैसे आपको वापस कर देगा उसी माध्यम से जिस माध्यम से आपने पेड किया था.
आप को यह Article कैसा लगा Comments के through हमें जारूर बताये और इस Article को share करें

अगर आप किसी भी गाड़ी की पूरी जानकारी अपने मोबाइल पर चाहते हैं तो ये Artical पूरा पढे

Hindi trick

Hi Friends, अगर आप भी किसी भी गाड़ी की पूरी जानकारी अपने मोबाइल पर चाहते हैं तो उसकी पूरी जानकारी इस Post में मैं आप सभी को दूंगा.

इसके लिए अगर आपके पास इन्टरनेट है तव भी ठीक है और नहीं है तव भी आप किसी भी गाड़ी की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

दोस्तों, कई बार ऐसा होता है कि हम कोइ पूरानी गाड़ी दुसरे के यहाँ से खरीदना चाहते हैं तो हमें उसके बारे में जानकारी जरुरी होती है कि ये गाडी उसकी है या नहीं.

या फिर किसी भी वजह से हमें किसी भी गाड़ी के मालिक के बारे में जानना होता है तो हम इन तरीकों को अपना सकते हैं.

तो आइये जानते हैं कि किस तरह आप किसी भी गाड़ी की पूरी जानकारी जान सकते हो.
सबसे पहले मैं बता रहा हूँ वो तरीका जिसमे आपको इन्टरनेट होना जरुरी है क्योंकि इसके लिए आपको एक एप डाउनलोड करना होगा. तो आइये जानते हैं इसकी पूरी जानकारी
STEP 1. सबसे पहले निचे के लिंक से 'RTO Vehicle Information' App डाउनलोड कर लें.
STEP 2. इसके बाद इसे ओपन करें.
STEP 3. यहाँ पर आपको vehicle information सर्च करने का आप्शन होगा उस पर क्लिक कर दें.
STEP 4. इसके बाद आप यहाँ पर किसी भी गाड़ी का नंबर इंटर करें और फिर सर्च बटन पर क्लिक कर दें.

STEP 5. आपको तुरंत ही उस गाड़ी की पूरी जानकारी स्क्रीन पर शो हो जाएगी.

तो इस तरह आप ऑनलाइन किसी भी गाड़ी की जानकरी पा सकते हैं.
आइये अब जानते हैं कि बिना इन्टरनेट के कैसे किसी भी गाड़ी की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

तो इसके लिए आप सभी को बता दूँ कि आपको एक नंबर पर गाड़ी का नंबर सेंड करना होगा और आपको तुरंत ही उस गाड़ी की सारी जानकारी दे दी जाएगी एक मेसेज के द्वारा.

STEP 1. सबसे पहले अपने मोबाइल के मेसेज बॉक्स में जाकर मोबाइल नंबर '7738299899' इतना लिखें.

STEP 2. इसके बाद मेसेज में लिखें 'VAHAN BR21PXXXX' और इसे फिर सेंड कर दें.

यहाँ पर ध्यान रखें की स्पेस सिर्फ VAHAN के बाद देना है और उसके बाद लगातार आपको गाड़ी का नंबर लिखना है.

आपको कुछ ही क्षणों में गाड़ी की पूरी जानकारी मेसेज के द्वारा प्राप्त हो जाएगी.
अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो इसे Social media पर Share kare

What is Custom Duty

What is Custom Duty? Puri jankari Hindi me
Hello  everyone, सबसे पहले तो हम आपका स्वागत करते है और इसके बाद हम आपको इस artical के माध्यम से बताने वाले है की Custom duty किसे कहते है custom duty की पूरी जानकारी हिंदी में
kya hai

What is Custom Duty
दुनिया के अलग अलग देशो में भिन्न भिन्न प्रकार के खनिज(Minral) पाए जाते है, इसलिए सभी देशो को किसी न किसी वस्तु को आयत या निर्यात करना ही पड़ता है, जो वस्तु जिस देश में अधिक प्रमाण में होगी उसे निर्यात(export) करना होगा,  और जो वस्तु कम होगी उसे वस्तु को आयत(import) करना होगा | और इसलिए अपने देश के नागरिको का जीवन सहज बनाने और देश को प्रगति शील बनाने के लिए जब कोई देश किसी प्रोडक्ट import करता है तब उस आयात की गयी वस्तु पर देश की सरकार Tax लगाती है वैसे ही export पर भी टैक्स लगाया जाता है | विदेश से कोई वस्तु जब हम मगाते है तब उस वस्तु पर हमारी सरकार जो कर डालती है यानि की tax वसूलती है उसी को Custom Duty कहते है, यह एक प्रकार का परोक्ष कर(indirect tax) है, custom duty लगाने के पीछे सरकार का धयेय यह है की देश की अर्ध्व्यव्स्था अच्छी बनी रहे जरुरी और गैर जरुरी वस्तुओ का export और import control करना भी जरुरी होता है और इस लिए भी यह टैक्स लगाना अनिवार्य है| और इस लिए वर्ल्ड में किसी भी वस्तु को import करते समय यह tax लगाया जाता है तो चलिए हम आपको एक item का example लेकर बताते है की किसी product में कितनी custom duty होनी चाहिए
Let, माना
assessable value Hair oil india me import karne ke liye  INR 500/-
तो Basic custom duty 12.5% IGST Rate 18% और compensation cess Nill
Calculate Total import duty Hair Oil
(A)   Basic Custom duty: 12.5% of 500= INR 62.5/-
(B)   IGST: 18% of (A.V +BCD) = 18% Of(500+62.5) = 18% of 562.5= INR 101.25/-
(C)   Compensation Cess: 0% of A.V+ BCD =0% of 500+62.5= 0% of  562.5=0 nill
(D)   Total Taxes: {(A)+(B)+(C)}= 62.5+101.25+0= INR 163.75

तो आप ऐसे ही किसी नही प्रोडक्ट की custom duty पता कर सकते है और इसके साथ साथ यह भी पता लगा सकते है की GST वगैरा लगाकर final tax कितना लग सकता है किसी भी item पर हमने आपको Hair Oil का example दे कर समझाया है,

तो finally आपको hamara यह artical कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये और हमारी letest update के लिए हमारी site को फॉलो करे

Motivational Story

A way that has a geranted success -

Hello Everyone..........."You all want to be very lucky in your life" I Am Right, क्या आप सब लोग जीवन में बहुत succesful होकर अपने माता पिता और अपना नाम पूरी दुनिया में रोशन करना चाहते है, So दोस्तों वैसे तो सफलता पाने केलिए सब के पास अपने अपने rule reguletion होते है, but उन सभी में एक comman होता है वो है उनका कठिन परिश्रम और काम के प्रति ईमानदारी | आज हम आपके सामने ऐसी ही एक कहानी बताने जा रहे है, जिसको पड़ने के बाद अपनी life में immpliyment कर लिया तो आपकी life 50% से भी जयादा success होती चली जाएगी और एक दिन 100 हो जाएगी




  • Power Of  Desire For Student -

 how have achieved success with the help of desire of power, Apki दुनिया के अदिकतर लोग अपनी power ko नही पहचान पाते है और जो लोग power को पहचान लेते है वो लोग  उनका प्रयोग परते है वो लोग gerented सफलता प्राप्त करते है और is दुनिया में successful person के रूप में जाने जाते है सबसे पहले मे उस power कि बात करना चाहता हु, जो कि किसी person के अचिवेमेंट का starting point  होता है इसके बिना किसी भी Achievement के बारे में सोच भी नही सकता है 

What is excise Duty? And Type of excise duty in india

हेल्लो everyone हमने आपको पिछले artical में बताया था की custom duty क्या है और आपको इस artical में यह बताये गे की एक्साइज duty क्या है और भारत में इस के कितने टाइप है-

What is Excise Duty

And Type of excise duty in india

एक्साइज tax या एक्साइज duty एक ऐसा tax है जो की देश के अंदर Goods के प्रोडक्शन और उसकी बिक्री पर लगाया जाता है, और अब इस tax को सेंट्रल वैल्यू एडेड tax(CENVAT) के नाम से जाना जाता है, इसकी सहायता से सरकार के लिया ज्यादा से ज्यादा Revenu Generate किया जाता है, ताकि सार्वजानिक सर्विस में उसका इस्तेमाल किया जा सके और अपने देश की इकनोमिक व्यवस्था को मजबूत बना सके, तो चलिए जानते है की एक्साइज duty के बारे में |
Excise duty की मुख्य बाते
-    एक्साइज duty 26 जनवरी 1944 को अस्तित्व सामने आया था
-    1957 के बचट में तत्कालीन वित्त मंत्री टी.टी. कृष्णामचारी ने एक्साइज duty को 400 फीसदी तक बढ़ा दिया गया था |
-    और एक्साइज duty के रेट 12% को बरकरार रखा गया

Types of excise duty in India

1.       बेसिक एक्साइज ड्यूटी: यह tax नमक को छोड़कर सभी excisable सामान पर लगाया जाता है | इस tax का आस्तित्व 1944 में आया था

2.       एडिशनल एक्साइज duty: यह tax केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच me बाटा जाता है इस tax का अस्तित्व 1944 me आया था यह tax sale tax से अलग लगाया जाता है और इस tax me आने वाले products की लिस्ट goverment डिपार्टमेंट से मिल सकती है |

3.       स्पेशल एक्साइज duty: इस tax के अंदर पूर्वे निर्धारित  कुछ special तरीके की वस्तुए आती है इन वस्तुओ का उल्लेख excise tax department से मिल जाता है |

Conclusion
किसी भी वस्तु को उत्पाद करने वाले या कर्मचारी  रख कर किसी वस्तु का उत्पाद करवाए, या फिर किसी अन्य तीसरी पार्टी से उत्पाद उत्पाद करवाए इन सब पर excise duty लगती है और यदि कोई वस्तु excise tax छुट की कटेगरी में नहीं आती तो उस पर excise duty देना जरुरी होता है और समय पर एक्साइज duty भरने पर क़ानूनी कारवाही हो सकती है और कुल excise duty के अलावा उसी रकम का 25% से 50% जुर्बाना भी भरना पड सकता है
तो आपको हमारा यह artical कैसा लगा कमेंट जरुर करे और साथ साथ इस important artical को शेयर जरुर करे



Online Voter Id Card Kaise Banaye



Hello everyone. Indian Technical Support me aapka sawagat hai. hum aapko is artical me batayege ki aap apna Voter id card online kaise banaye. kyoki aaj ke time me sab kuch online hota ja raha hai. Isliye hum apko bata rahe hai ki aap voter id card kaise bana sakte hai woh bhi bina kisi charges ke. To start now

Online voter id card kaise banaye:
Online voter card banane ke liye aap google me jakar NVSP.com par visit kare phir aapke samne ek window open hoga

Kaise banaye
Phir aapko agar aap new voter id card banana hai to app apply for registration par click kare ab phir ek new window open hoga jo ki is tarah se


Aap apni detail fill kare uske baad update par click kare uske baad aapko apne document ki scan coppy submit karna hai uske baad aapko finally submit par click karna hai.
Uske baad apki request submit ho gayi hai.
1 month me aapka voter id card ban kar layar ho jaye ga aap apne najdik daak khane me jakar le sakte hai.
Hamari through di gayi jankari aapki jarur help kare gi
Aap hume comment ke through apne sawal jarur bataye.
Aur agar aapko ye jankari pasand aye to ise social media par share kare

Pen drive se computer ka virus kaise hataye

Hello Dosto, Aaj hum aapko  technical trick ke is article me batane wale hai ki pen drive se apne computer ko kaise scan kare without antivirus ke. Jaisa aap sabhi log jante hoge ki pen drive me virus hone ki wajg se hamara computer kharab ho sakta hai ya phir dono hi kharab ho sakte hai. Computer ko virus se bachane ke liye hum antivirus ka use karna bahut hi jaruri hota hai. Aur jab hum kabhi pen drive se computer me data transfer karte hai to kai baar hamare computer me virus chala jata hai. Aur jiske karan hamare computer ke problem ho sakti hai. Isliye aaj hum aap ko batane wale hai ki computer ko pen drive se Scan kare.

Pen Drive Se Apne Computer Ka Virus Kaise Remove Kare Without antivirus

So dosto pen drive se computer virus nikalne ke liye aapko apne computer me USB  pen drive ko scan karna hoga. To chaliye aap hamare steps ko follow kare.Step 1: Sabse pahle aap apne Keyword se window+R Button ek sath  press kare.
Pen Drive se Apne Computer ka virus  Kaise Remove Kare Without Antivirus Ke

Step 2:  Ab aapke samne Run command ka box open hoga. Isme CMD  type kare our enter press kare.Step 3: Ab Aapke samne ek window open hoga.

Step 4: Ab aapke samne command promot window open hogi jisme aapko niche likha code type karna hai.
code window

 attrib –D –r –s/s/dh:\*.*

Note: D ki jagah par aapko apni drive ka name dalna hai jise aap scan karna chahte hai.

Step 4: Ab last me aapko Enter ki button press karna hai.

Ab aapko kuch time wait karna hai. Ab aapka drive scan hona start ho chuka hai.


To dosto is tips ke through aap bina antivirus ke computer ke kisi bhi drive ko scan kar sakte hai.To dosto aapko hamara yah article kaisa laga commants ke through jarur bataye. Aur Agar aapko hamara yah article pasand aaya ho to  ise social media par jarur share kare .

What Is Server? And it's types in hindi

What is the server and how complete information works in Hindi
Server kya hai ? server ke bare me aap sabhi ne kahi na kahi  jarur suna hoga. Agar nahi suna to aaj hum is article ke through aapko batane wale hai ki server kya hai. Aur iske kitne types hai aur server kaam kaise karta hai. Aapko puri jankari hindi me batane wale hai. Isse pahle aapko ek important baat batane wale hai ki aap yah article pura read kare agar aap isko pura nahi padhege to aapko kuch bhi samgh me nahi ayega aur aap server se bare me nahi jaan payege. Isliye aap is article ko bade dhayan se padhe.

What is Server

Server ek computer ho sakta hai ya ek hardware device ya phir computer program jise computer me load kiya jata hai. Taki who dusre computers ko data aur information bhej sake. Server ka kaam hai ki users ko sewa dena yani ki users ko who  sabhi jankari dena jo who janna chahta hai. For example jaise hum youtube me video dhekte hai ya phir koi information hum apne device ke web browser me jakar search karte hai. To hame jo bhi result apne device par dkekh ne ko milta hai. Woh website ya channel ka data kahi na kahi par store ho kar rahta hai. Jo server hamare request bhejne par hume us information ko provide karata hai.
Google world ka sabse bada search engine hai. Jaha se aap jitney chahe utne information(data) hasil kar sakte hai.to google hume ye sabhi information (data) alag alag websites ke server se lakar provides karata hai.
Server ek computer ki tarah hota hai aur duniya me bahut saare alag alag types ke server  hai jo ki bahut powerfull  hai.  Ek normal laptop ya computer me agar hum server ka program install kar de to woh computer bhi ek server ki tarah work karega. Aise server ko hum non- dedicated servers bhi kah sakte hai. Kyoki ye 24 hours chalu rahkar kaam karne ke liye nahi hote. Non- dedicated servers ka use home, school, colleges, hospitals, offices, etc jagaho par kiya jata hai. Jise hum local network bhi kahte hai.
Lekin kuch computer aise  bhi hote hai jo 24*7  chalu rahte hai aur dusre computers ko serve karte hai. Eise computers ko hum dedicated server bhi kahte hai. Ye computers bhahut hi mahge hote hai.aur inme high quality aur high speed ka processor aur RAM lage  hote hai. Aur  Internet ke through hum google par jo bhi search karte hai woh hume dedicated servers se hi milte hai.

Server Kaise Kaam Karta Hai.

For example hum aapko batate hai ki maan ligiye ki aapko youtube par ek video dhekna hai to aap apne youtube ke search me us video ka name likha aur search kiya to ye ek request  ke rup me convert ho jata hai. Aur ye request internet ke through youtube ke server me chala jata hai. Aur server aapke through request kiye gaye video ko dhud kar uska data aapke device par bhej deta hai. Jiske karan aap us video ko dhek pate hai. Internet par hum jitney bhi work karte hai jaise koi file download karte hai. Browsing karte hai. Mail bhejte hai . Social media sites ka use karte hai. Iske alawa jitney bhi kaam karte hai. Un sabhi chijo me server hamari helps karta hai aur hum tak data pahuchata hai. So aap logo ko samgh me a gaya hoga ko server kya hai aur yah kaise kaam karta hai. Ab baat karte hai ki server ke kitne types hai.

Types of Server

Server alag-alag type ke hote hai. Aur lag-alag service pradan karte hai.
·       Web Servers:  web server me internet par maujud  har ek websites hai. Unke data store ho kar rahte hai. Aur ye server web browser se connect rahte hai. To jab koi      bhi user web browser se kisi website ko dhekne ke liye request karta hai tab ye browser web server se connect kar website ka data user ke device par bhej dete hai.
·       Email Server: Email server message bhej ne aur receive karne me help karta hai. Aur user ki saari information ko server par store karke rakhta hai. For example: jaise aapne apne kisi friends ko mail likh ne ke baad aap send button par click karte hai uske baad woh message ko mail server SMTP protocol ka use kar aapke  dost ke account me bhej dete hai.
·       File Server: File server network  ke through file transfer karne me help karta hai. File server ek computer  me sabhi file ko store aur manage karta hai.  Aur users ke request karne par uske computer me file ki copy ko bhej deta hai. File server ka use local network par hota hai.
Aur dear har organisations, institutions, company,banks, social networking sites jaise facebook, WhatsApp etc. ka sabhika apna apna server hota hai. Jaha par in sabhi ke users ka information(data) store hota rahta hai.

Aapko server kya hai aur kaise kaam karta hai. Samgh me a gaya hoga. Agar aapko is article se related koi sawal hai. To hai to aap hume  comment ke through jarur bataye. Hume kushi hogi.

Langauge Translator kya hai? What is Langauge Translator


Hello dosto indiantechnicalsupport site ke is artical me hum baat karege ki langauge Translator kya hota hai aur iska use programmer kyo karte hai.
 translater

1. Assembler: EK assembler assembly langauge me likhe computer program ko machine langauge me convert kar deta hai. Tak computer woh saare kaam kar sake jis ke liye program likha gaya hai. Eisa karna isliye jaruri hai. Kyoki computer ko machine langauge ke alawa aur koi bhi langauge samgh me nahi aati. Isliye computer ko diye gaye order machine langauge me hona chahiye. Jab hum computer par work karte hai tab yah work Operating systems ke through kiya jata hai.


2.Compiler: compiler ka main work yah hota hai ki high level langauge me likhe program ko machine langauge me convert karna hai. Aur high level langauge me likhe hui code source code kahlate hai.iske likhe program statement ko compiler ke through machine langauge ke rup me badla jata hai.

Har ek high level langauge ke liye ek compiler ki jarurat padti hai.Isliye iska use kiya jata hai.


3. Interpreter: Interpreter sourcecode ke ek statement ko machine langauge me convert karke execute karte hai. Interpreter bhi compiler ki tarah hota hai. ek compiler aur interpreter same hote hai. but difference sirf itna hota hai ki compiler objectcode ke liye ek file create karta hai. Jabki interpreter nahi. interpreter ka use karte time hamesha sourcecode ki jarurat padti ha. 
programmer ko in ki important program banate time software create karte time in ki jarurat padte hai.

Ab hum jaan khuke hai ki lngauge translator kya hai aur inki jarurat kyo padti ha. Agar aapko is artical se related koi bhi question hai to hume comments ke through jarur bataye. Aur agar aapko hamara yah artical pasand aya ho to isse share jarur kare.